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श्री मोहन कृति आर्ष पत्रकम (एक मात्र वैदिक पञ्चांग) Shri Mohan Kriti Arsha Patrakam

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Description

श्री मोहन कृति आर्ष तिथि पत्रकम् के विषय में जाने से पहले एक विषय स्पष्ट कर देता हूँ की अगर पाठक ज्योतिष के आधारभूत खगोलीय गणित को ना समझते हुए सिर्फ फलित ज्योतिष में जानकारी रखते है तो ये लेख आपके लिये नहीं है।

ये लेख फलित ज्योतिष के आधार अर्थात वर्तमान के सभी पञ्चाङ्ग पर प्रश्नचिन्ह लगता है।एक अन्य परिभाषा से, आपको बताया गया है की १) तिथि, २) वार, ३) नक्षत्र, ४) योग, तथा ५) करण यह पञ्चाङ्ग के पाँच अंग हैं। जबकि वार ना प्रत्यक्ष है ना गणितीय है और ना वैदिक समय में ये था। अर्थात ये पूर्ण रूप से काल्पनिक है।

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