Vedic Books

वेदोंं में आयुर्वेद by डॉक्टर कपिलदेव द्विवेदी(Vedo me Aayurved)

175.00
24 people are viewing this right now
Estimated Delivery:
Jul 29 - 05 Aug, 2025
payment-processing
Guaranteed safe & secure checkout

Description

आयुर्वेद की दृष्टि से अथर्ववेद का स्थान अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसमें आयुर्वेद के प्रायः सभी अंगों एवं उपांगों का विस्तृत विवरण मिलता है। अथर्ववेद ही आयुर्वेद का मूल आधार है। अथर्ववेद में आयुर्वेद से सम्बन्धित विभिन्न विषयों का वर्णन उपलब्ध है जिनमें से मुख्य है-
1. वैद्य के गुण,
2. कर्म या भिषज,
3. भैषज्य,
4. दीर्घायुष्य,
5. बाजीकरण,
6. रोगनाशक विभिन्न मणियां,
7. प्राणचिकित्सा,
8. शल्यचिकित्सा,
9. वशीकरण,
10. जलचिकित्सा,
11. सूर्यचिकित्सा तथा
12. विविध औषधियों के नाम, गुण, कर्म आदि
– (वेदामृतम् भाग 11, अथर्ववेद सुभाषितावली पृ. 229-303)।
आयुर्वेद के अर्थवेद में ‘भेषज’ या ‘भिषग्वेद’ नाम से जाना जाता है (संदर्भ- ‘ऋचः सामानि भेषजा, यजूंषि’ , अथर्ववेद 11/6/14)। गोपथ ब्राह्मण में भी अथर्ववेद के मंत्रों को आयुर्वेद से सम्बन्धित बताया गया है। शतपथ ब्राह्मण में यजुर्वेद के एक मंत्र की व्याख्या में प्राण को ‘अथर्वा’ कहा गया है। इसका अर्थ यह है कि प्राणविद्या या जीवनविद्या आथर्वण विद्या ही है (सन्दर्भ- प्राणों वा अथर्वा : शतपथ ब्राह्मण 6/4/2/2)। गोपथ ब्राह्मण के अनुसार ‘‘अंगिरस् का सीधा सम्बन्ध आयुर्वेद तथा शरीर विज्ञान से है। अंगों के रसों अर्थात तत्त्वों का वर्णन जिसमें प्राप्त होता है वह अंगिरस् कहा जाता है। अंगों से जो रस निकलता है वह अंगरस है और उसी को अंगिरस् कहा जाता है। अथर्ववेद को वैदिक जगत् में क्षत्रवेद, ब्रह्मवेद, भिषग्वेद तथा अर्घिंरोवेद इत्यदि नामों से भी जाना जाता है। स्पष्ट है कि वेदों में आयुर्वेद से सम्बन्धित सैकड़ों मन्त्रों का वर्णन है, जिसमें विभिन्न रोगों की चिकित्सा का उल्लेख है। ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद – इन चारों वेदों में अथर्ववेद को ही आयुर्वेद की आत्मा माना गया है। अथर्ववेद में स्वस्त्ययन मंगलकर्म, उपवास, बलिदान, होम, नियम, प्रायश्चित और मन्त्र आदि से भी चिकित्सा करने को कहा गया है। अथर्ववेद में सर्वाधिक 289 औषधियों का उल्लेख किया गया है। इस प्रकार ज्ञात होता है कि आयुर्विषययक औषधियों का विस्तृत विवरण अथर्ववेद में ही पाया जाता है।

Quick Comparison

Settingsवेदोंं में आयुर्वेद by डॉक्टर कपिलदेव द्विवेदी(Vedo me Aayurved) removeANUVADA CHANDRIKA(अनुवाद चंद्रिका) (Sanskrit, Paperback) by डॉ ब्रह्मानंद त्रिपाठी removeNayay darshan(न्याय दर्शन आचार्य उदयवीर शास्त्री ) removeAum Sermons Delivered Swami Dayanand Saraswati removeRevolutionary Vedic Scientist of Modern Era removeBhartiya Itihaas Ki Bhayankar Bhulen(भारतीय इतिहास की भयंकर भूले) remove
Image
SKU
Rating
Price
175.00
125.00
450.00
125.00
100.00
110.00
Stock
Description

Product details

  • Item Weight : 38 g
  • Paperback : 424 pages
  • ASIN : B06XSJJ4LP
  • Product Dimensions : 17.4 x 12 x 2 cm
  • Publisher : CHAUKHAMBA SURBHARATI PRAKASHAN (1 January 2013)
  • Language: : Sanskrit
  • Paperback : 304 pages
  • Product Dimensions : 20 x 14 x 4 cm
  • Publisher : Hindi Sahitya Sadan 
  • Language: : Hindi
Weight
DimensionsN/AN/AN/AN/AN/AN/A
Additional information
Add to cart

Select the fields to be shown. Others will be hidden. Drag and drop to rearrange the order.
  • Image
  • SKU
  • Rating
  • Price
  • Stock
  • Description
  • Weight
  • Dimensions
  • Additional information
  • Attributes
  • Add to cart
Click outside to hide the comparison bar
Compare
1
0