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सत्यार्थ भास्कर Satyarth Bhaskar

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Description

पुस्तक का नाम – सत्यार्थ भास्कर

लेखक – स्वामी विद्यानंद सरस्वती

प्रस्तुत ग्रन्थ रत्न दो भागों में हैं। प्रथम भाग में सत्यार्थ प्रकाश के १ से १० समुल्लास तक विस्तृत व्याख्या है। ऋषि दयानन्द सरस्वती द्वारा दिए गये प्रत्येक प्रमाणों की सन्दर्भ संख्या प्रस्तुत है, जो सत्यार्थ प्रकाश की प्रमाणिकता को बढाता है। पुस्तक में सत्यार्थ प्रकाश पर लगने वाले विभिन्न आक्षेपों के उत्तर भी प्राप्त हो जाते हैं।

दूसरे भाग में ११ से १४ समुल्लास तक के सत्यार्थ प्रकाश पर विस्तृत व्याख्या और प्रमाणों को सन्दर्भ सहित प्रस्तुत किया है। एक तरह से पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश की कुंजी है। ऋषि दयानन्द के मन्तव्य को काफी सरल और प्रमाणों सहित समझाया है। लेखक ने अनेक ग्रन्थो जैसे – चारो वेद, ब्राह्मण ग्रन्थ, महाभाष्य, कल्प-सूत्र, षड्दर्शन, उपनिषद, रामायण, पुराण, विभिन्न स्मृति ग्रंथों के साथ-साथ पाश्चात्य विद्वानों तथा सम-सामायिक पत्रिकाओं के उद्धरणों का समावेश अपने भाष्य में किया है।

लेखक ने आरम्भ में विस्तृत भूमिका लिखी है, जिसमें सत्यार्थ प्रकाश के प्रथम संस्करण के उन सदोपदेश का भी समावेश है जो सत्यार्थ प्रकाश के द्वितीय संस्करण में नहीं मिलते तथा ग्रन्थ के परिशिष्ट में सत्यार्थ प्रकाश वांङ्मय जो कि भवानीलाल भारतीय कृत है उसका भी संकलन कर दिया है जिससे सत्यार्थ प्रकाश पर लिखे ग्रंथो, खंडन-मंडन रूपी साहित्यों की जानकारी प्राप्त हो सकें।

सत्यार्थ प्रकाश पर लिखे इस लगभग २००० पृष्ठों के अनुपम ग्रन्थ रत्न को लेने पर किसी अन्य ग्रन्थ या पुस्तक से प्रमाण, व्याख्या देखने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ये इस ग्रन्थ की महत्वपूर्ण विशेषता है। लेखक ने शारीरिक कष्टों को सहन करते हुए दृढ मनोबल से इस भाष्य को लिखा है। यह उनकी ऋषि-भक्ति और समर्पण का परिणाम है जो इतना विशाल आश्चर्यचकित करने वाला ग्रन्थ लिख दिया। जैसे पाणिनि अष्टाध्यायी का भाष्य महाभाष्य है वैसे ही यह पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश का महाभाष्य है।

इस पुस्तक का महत्व तो पाठकों को पढने पर ही पता चलेगा जैसे एक मणिकार को रत्नों की पहचान होती है वैसे ही एक स्वाध्यायी पुस्तकों और साहित्यों की विशेषता ज्ञात कर सकता है। हमें आशा है कि इस ग्रन्थ की विशेषताएँ पाठकों की ज्ञान प्राप्ति का मार्ग सुगम बनाएँगी तथा पाठकों द्वारा इसकी सराहना होगी। अपने निजी पुस्तकालय में इस ग्रन्थ को स्थान दे कर ज्ञान लाभ प्राप्त करें।

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DescriptionBy :Swami Vidyanand Sarswati Subject :Commentary of Satyarth Prakash Category :Comparative Study Edition :N/A Publishing Year :N/A SKU# :N/A ISBN# :N/A Packing :2 Volumes Pages :N/ABy :Swami Vidyanand Sarswati Subject :Commentary of Satyarth Prakash Category :Comparative Study Edition :N/A Publishing Year :N/A SKU# :N/ABy :Swami Vidyanand Sarswati Subject :Commentary of Satyarth Prakash Category :Comparative Study Edition :N/A Publishing Year :N/A SKU# :N/A ISBN# :N/A Packing :2 Volumes Pages :N/A Binding :Hard Cover Dimentions :N/A Weight :N/A ISBN# :N/A Packing :2 Volumes Pages :N/A Binding :Hard Cover Dimentions :N/A Weight :N/A Binding :Hard Cover Dimentions :N/A Weight :N/A
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