वेदों की वाणी संतों की ज़ुबानी Vedon Ki Vani Santon Ki Zubani

Description
पुस्तक का नाम – वेदों की वाणी सन्तों की जुबानी
लेखक का नाम – मदन रहेजा
जो वेद कहते हैं, आर्ष ग्रन्थ कहते हैं- उन्हीं बातों को संत महात्मा या गुरुजन अपने प्रवचनों से, जन-साधारण को समझाने हेतु सरल भाषा का प्रयोग करते हैं, अतः उनका प्रभाव लोगों पर शीघ्र पड़ता है।
गूढ़ विषयों को भी सरल बनाकर प्रस्तुत करते हैं इसीलिए विषय बोधगम्य बन जाते हैं।
इस पुस्तक के पूर्वार्द्ध में लेखक ने ईश्वर प्रदत्त अमृतवाणी – चारों वेदों के कुछ मन्त्रों, अनेक आर्ष ग्रन्थों और कुछ ऐतिहासिक घटनाओं की सहायता से गहन विषयों को सरल भाषा में सन्तों की वाणी में समझाने का प्रयास किया है।
पुस्तक के उत्तरार्द्ध में लेखक ने अनेक जिज्ञासुओं के पूछे गए कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर वैदिक मन्तव्यों और सिद्धान्तानुसार देने का प्रयास किया है।
हम आशा करते हैं कि इस प्रश्नोत्तरी से पाठक वृन्दों की अनेक गूढ़ समस्याओं का समाधान हो सकेगा।
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Ashok kaushik
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