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मैंने ऋषि दयानन्द को देखा Maine Rishi Dayanand Ko Dekha

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Description

पुस्तक का नाम – मैंने ऋषि दयानन्द को देखा
लेखक का नाम – डॉ. भवानीलाल भारतीय

प्रस्तुत पुस्तक “मैने ऋषि दयानन्द को देखा” उन प्रत्यक्षदर्शियों के संस्मरणों का संग्रह है जिन्होने उन्नीसवीं शताब्दी के इस महान् धर्माचार्य और धर्म-संशोधक, वैदिक चर्चा के पुनरुद्धारक, समाजसंस्कारक, स्वदेश और स्वदेशी भावना के मन्त्रद्रष्टा, मानवता के उत्थान के लिए स्वयं को समर्पित कर देने वाले महापुरुष को अपने चर्म चक्षुओं से देखा था, उनकें विचारों, व्याख्यानों तथा प्रवचनों को अपने कानों से सुना था।

इस संस्मरणमाला में जिन लोगों की स्मृतियों को संग्रहीत किया गया है वे समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करते है। यदि मत की दृष्टि से देखें तो इनमें हिन्दू भी हैं, मुस्लिम और ईसाई भी हैं। संस्मरण लेखकों में राजाधिराज नाहरसिहं एक रियासत के स्वामी है तो दीवान बहादूर रघुनाथराव मध्यप्रदेश के मंत्री हैं। इसमें रावराजा तेजसिहं है तो स्वामी अच्युतानन्द, स्वामी दर्शनानन्द, स्वामी श्रद्धानन्द जैसे सर्वसंग त्यागी सन्यासी भी हैं, जिन्होनें स्वामी दयानन्द विषयक अपनी स्मृतियों को शब्द दिये थे। पं. गौरीशङ्कर हीराचन्द ओझा जैसे इतिहासकार, हरविलास सारडा जैसे समाज सुधारक और प्रगल्भ लेख, शिवदत्त दाधिमथ जैसे संस्कृत के धुरीण तथा आर्यमुनि तथा पं. क्षेमकरणदास त्रिवेदी जैसे आर्य विद्वानों ने ऋषि दयानन्द को जैसा देखा, जाना और पाया, उसे उन्होनें बेबाक शैली में व्यक्त किया है।

इस संस्मरण में ऐसे भी लेखक हैं जिनका आर्य समाज से कोई विशेष संबंध नही था जैसे नगेन्द्रनाथ गुप्त, डॉ. टी. जे. स्काट, प्रो. मोनियर विलियम्स आदि।

यदि इस संस्मरण में दिये गये लेखकों की आयु पर हम विचार करें तो ऋषि के समय में कुछ 11-12 वर्ष के थे, कुछ युवा थे।

इन संस्मरणों में हमें दयानन्द जी के व्यक्तित्व, कार्य, विचार तथा उनके उन स्वप्नों की रम्य झांकी दृष्टिगोचर होती है जिन्हें वे प्रायः देखा करते थे। उनके शारीरिक सौष्ठव, उनकी सुदीर्घ देहयष्टि, उनके गौर वर्ण तथा भव्य प्रसन्न मुखाकृति का चित्रण इन प्रत्यक्षदर्शियों ने तत्परतापूर्वक किया है। उनके स्वभाव की कोमलता, मृदुता, अपने से छोटों के प्रति उनका स्नेहावात्सल्य उनका सौजन्य और शिष्टाचार, अन्याय पाखण्ड़ और अत्याचार के प्रति उनका अग्निनिक्षेप, यह सब इन संस्मरणों में पदे पदे अभिव्यक्त हुआ है।

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Settingsमैंने ऋषि दयानन्द को देखा Maine Rishi Dayanand Ko Dekha removeThe Sanskaravidhi (English) by Satyaprakash Beegoo removeBiography of Swami Dayanand Saraswati ji(स्वामी दयानंद सरस्वती जी की जीवनी) removeUpnishad Prakash(उपनिषद प्रकाश) by स्वामी दयानंद सरस्वती removeNayay darshan(न्याय दर्शन आचार्य उदयवीर शास्त्री ) removeSanskrit Swayam Shikshak(संस्कृत स्वयं शिक्षक) (Hindi) by श्रीपद डी. सातवलेकर remove
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Description
  • By :Dr. Bhavanilal Bharatiya
  • Subject :About Rishi Dayanand
  • Category :History
  • Edition :N/A
  • Publishing Year :2012
  • SKU# :N/A
  • ISBN# :N/A
  • Packing :N/A
  • Pages :128
  • Binding :Paperback
  • Dimentions :21cm X 13cm
  • Weight :145 GRMS
Author
Swami Dayanand Sarawati
  • Language: English, Sanskrit
  • Binding: Hardcover
  • Publisher: Vijaykumar Govindram Hasanand
  • ISBN: 9788170772255, 8170772257
  • Edition: 2018
  • Pages: 416

Product details

  • Item Weight : 260 g
  • Paperback : 364 pages
  • ISBN-10 : 8170285747
  • ISBN-13 : 978-8170285748
  • Product Dimensions : 20 x 14 x 4 cm
  • Language: : Hindi
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DimensionsN/AN/AN/AN/AN/AN/A
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