Best Book on Indian History

Vedik Darshan by चामुपति एम.ए.

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Description

‘वैदिक दर्शन’ के प्रस्तोता स्व० पं० चमूपति एम० ए० दर्शन का आधार वेद को मानते हैं। वेदों का हर मन्त्र, हर सूक्त, हर अध्याय अपने-आप में एक दर्शन है। मन्त्र का, सूक्त का, अध्याय का कोई-न-कोई ऋषि अवश्य है। वह मन्त्र उस ऋषि का दर्शन है, जिसके अर्थों का दर्शन उसने समाधि में किया है, ब्रह्म के सान्निध्य में किया है । जिस प्रकार ‘वैशेषिक दर्शन’ महामुनि कणाद का, ‘न्याय’ गोतम का, ‘योग’ पतञ्जलि का, ‘सांख्य’ कपिल का है, ‘वेदान्त’ व्यास का, ‘मीमांसा’ जैमिनी का दर्शन है, वैसे ही वेदों में उपलब्ध सूक्त उनपर उल्लिखित ऋषियों के दर्शन हैं। वे वैदिक षड्दर्शनों का आधार हैं। वैदिक दर्शन के योग्य विद्वान् ने उन दार्शनिक तत्त्वों को सीधे वेदों से निकाला है। तो आइये, पाठकवृन्द ! हम सब उसका अध्ययन करें।

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