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BHARTRIHARI SHATAKAM (भर्तृहरि शातकमी) (Hindi)

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Description

भर्तृहरि एक महान संस्कृत कवि थे। संस्कृत साहित्य के इतिहास में भर्तृहरि एक नीतिकार के रूप में प्रसिद्ध हैं। इनके शतकत्रय (नीतिशतक, शृंगारशतक, वैराग्यशतक) की उपदेशात्मक कहानियाँ भारतीय जनमानस को विशेष रूप से प्रभावित करती हैं। प्रत्येक शतक में सौ-सौ श्लोक हैं उन सभी का खास महत्व है। भर्तृहरि का निम्न श्लोक वर्तमान परिस्थिति को दर्शाता है।
धन की यह तीन गति होती हैं – दान, भोग और नाश.. लेकिन जो न तो धन को दान में देता है और न ही उस धन का भोग करता है, उसके धन की तीसरी गति तो निश्चित है…..

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