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चतुर्वेद गंगा लहरी Chatruveda Ganga Lahari

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Description

पुस्तक का नाम – चतुर्वेद गंगा लहरी (हिंदी –अंग्रेजी )
लेखक – डा. सत्यव्रत सिद्धांतलन्कार जी
यह पुस्तक पहले अंग्रेजी में लिखी गयी थी | इसका नाम “ ग्लिम्पसेज ऑफ़ दी वेदाज “ था | फिर इस पुस्तक को लेखक ने हिंदी और अंग्रेजी दोनों अनुवाद के साथ “ चतुर्वेद गंगा लहरी“ के नाम से रखा | यह पुस्तक अंग्रेजी और हिंदी दोनों समझने वालो की दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण है | जो व्यक्ति हिंदी जानते है वे भी इस पुस्तक से जान जायेंगे कि मैक्समूलर , सर विलियम जोन्स ,मैटरलिंक , शोपनहार , आदि विदेशी लोग किस तरह वेद और वैदिक संस्कृति से प्रभावित हुए | इस पुस्तक में चारो वेदों के १०० -१०० के लगभग मन्त्र चुने है इस पुस्तक की निम्न विशेषताए है –
(१) प्रत्येक वेद से ऐसे ऐसे सूक्त चुने गये है जो देनिक जीवन में प्रत्येक व्यक्ति के काम आते है | इनमे से कई सूक्त ऐसे भी है जिनसे अनेको लोग परिचित है और उनका अर्थ समझने में उन्हें विशेष कठिनाई भी नही होगी |
(२) ऐसे सूक्तो या अध्यायों का संग्रह है जिन्हें विश्वविद्यालय या गुरुकुल में पढाया जा सकता है |
(३) सूक्तनिष्ठ ऐसे मन्त्रो का संग्रह है जिन्हें प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन ,अपने बाल बच्चो तथा परिवार के लिए दिन रात उपयोग में ला सकता है |
(४) ऐसे सूक्तो का संग्रह है जो वैदिक विचारधारा के ज्वलंत प्रतीक है |
(५) ऐसे सूक्तो का प्रयोग है जिनका विनयोग यज्ञ में किया जा सकता है तथा जो पाठको को वेद ज्ञान के लिए प्रेरित कर दे |

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