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हैदराबाद के आर्यों की साधना और संघर्ष Hyderabad ke Aryon ki Sadhna Aur Sangharsh

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भारत में आर्यसमाज का इतिहास वैदिक धर्म के पुनरुद्धार का इतिहास है। यद्यपि धर्म एवं समाज-सुधार का आन्दोलन देश के कुछ विशिष्ट समाज-सुधारकों व ऋषियों की ओर से पिछली पाँच-छ: शताब्दियों के मध्य जब आरम्भ हुआ, तो उन्होंने हिन्दू जाति की बिगड़ी हुई रुचि व श्रद्धा को ठीक करके उसमें वैदिक धर्म की सच्ची भावना यत्नपूर्वक उत्पन्न की। हिन्दुओं की विचार-प्रवृत्ति इतनी बिगड़ चुकी थी कि उन्हें पवित्र वेद की शिक्षा से कोई लगाव न रह गया था। ईश्वर उपासना के स्थान पर मूर्तिपूजा व नानाप्रकार के मतमतान्तर चल पड़े थे। जाति-पाँति व ऊँच-नीच के भेद ने राष्ट्रीय एकता को बिखेर दिया था और प्रत्येक दिशा में अज्ञान व पथ-भ्रष्टता का वातावरण ही दिखाई देता था। वैदिक धर्म के पुनरुद्धार का महान् आन्दोलन महर्षि दयानन्द सरस्वती के पवित्र मिशन द्वारा आरम्भ हुआ। परमात्मा ने इस महान् पुरुष से करोड़ों मनुष्यों के सुधार व जागृति का काम लिया। महर्षि का सारा जीवन संसार एवं मानवता की सेवा में बीता और वह अपने उपदेशों को एक जीवित तथा शक्तिशाली आन्दोलन के रूप में छोड़ गए, जो आर्यसमाज के नाम से विख्यात है और जो भारत के बाहर भी कई देशों में अपना मस्तक ऊँचा कर रहा है। आर्यसमाज ने धार्मिक एवं सामाजिक सुधार और नव-निर्माण के अतिरिक्त भारत की स्वतन्त्रता, अखण्डता और उसकी महानता को बनाये रखने में अपना पूर्ण योग दिया है।

भूतपूर्व हैदराबाद राज्य में कोई नब्बे वर्ष पूर्व आर्यसमाज की स्थापना हुई थी। इसका मूल उद्देश्य था-धर्म, समाज-सुधार एवं मानवता की सेवा। जब यह आन्दोलन दृढ़ होता गया, तो निज़ाम का शासन समाज का विरोधी बन गया और आश्चर्य की बात यह है कि उस शासन के अत्याचारों ने इसे एक क्रान्तिकारी आन्दोलन बना दिया और निरन्तर संघर्ष के कारण इसमें इतनी शक्ति उत्पन्न हो गई कि वह हैदराबाद की तथा अन्य राष्ट्र-संगठनों के साथ निज़ाम-सरकार की भाग्यरेखा पर अन्तिम छाप लगा देने में सफल हो गया।

हैदराबाद में आर्यसमाज का इतिहास लगभग नब्बे वर्ष पुराना है इसलिए इसकी विस्तापूर्वक व्याख्या के लिए कई संस्करणों की आवश्यकता होगी। पिछले कई वर्षों से यह विचार मेरे मस्तिष्क में था कि आर्यसमाज का इतिहास लिखा जाय। राज्य एवं आर्यसमाज के एक पुराने कार्यकर्ता होने के नाते मुझे इस आन्दोलन से सम्बद्ध होने तथा इसमें सक्रिय भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ है। इसलिए यह कार्य मुझे पहले-पहल अत्यन्त कठिन दिखाई दिया, किन्तु जब सामग्री इकट्ठा करना आरम्भ किया तो पता चला कि आर्यसमाज का विस्तृत इतिहास-लेखन अधिक समय चाहता है। सामग्री इकट्ठा करना मुझ जैसे व्यस्त व्यक्ति के बस की बात न थी, किन्तु इस विचार से कि कहीं इतिहास लिखने का विचार ही धूमिल न पड़ जाय, अन्ततः मैंने जनता के आगे आर्यसमाज का इतिहास प्रस्तुत करने का प्रयत्न आरम्भ कर दिया और समय-अनुसार काम आगे बढ़ता गया।

परमात्मा की असीम कृपा से मैं कुछ महीनों के भीतर ही इस काम को पूरा कर देने में समर्थ हो सका, जो आपके सामने पुस्तक के रूप में प्रस्तुत है। मैं इन पंक्तियों को समाप्त करने से पूर्व एक-दो बातों को स्पष्ट कर देना आवश्यक समझता हूँ। आर्यसमाज के नब्बे-वर्षीय आन्दोलन का यह इतिहास निष्पक्ष रूप से लिखा गया है। इसमें आपको प्राचीन हैदराबाद राज्य के धार्मिक तथा राजनैतिक इतिहास की झलक दिखाई देगी। सारी घटनाओं को उनके वास्तविक रूप में प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया गया है और मैंने यथासम्भव पूर्वाग्रह से बचने का भी प्रयत्न किया है जिससे इतिहास लिखने की विशेषता बनी रहे। आशा है, इस संक्षिप्त इतिहास को पाठकगण रुचिपूर्वक पढ़ेंगे। इतिहास-लेखन का कार्य आरम्भ करने से पूर्व मुझे पूर्ण विश्वास था कि ‘आर्य प्रतिनिधि सभा-कार्यालय’ से मुझे अधिकांश सामग्री की उपलब्धि होगी, परन्तु दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हो पाया। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि निज़ाम-शासनकाल में रजाकारों के उठते हुए तूफ़ान से सुरक्षा की दृष्टि से, सामग्री को अनेक स्थानों पर परिवर्तित करना पड़ा जिससे सामग्री के इकट्ठा करने में बड़ी कठिनाई हुई। पुनः, महत्त्वपूर्ण सामग्री की उपलब्धि की सम्भावना ही क्योंकर की जा सकती है!

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Description
  • By :Pandit Narendra
  • Subject :Hyderabad ke Aryon kei Sadhna Aur Sangharsh
  • Category :History
  • Edition :2022
  • Publishing Year :1973
  • SKU# :N/A
  • ISBN# :9788170773092
  • Packing :N/A
  • Pages :186
  • Binding :Paperback
  • Dimentions :N/A
  • Weight :N/A

About the Author

Swami jagdeshwar sarawati  

Product details

  • Item Weight : 345 g
  • Paperback : 483 pages
 

Product details

  • Item Weight : 260 g
  • Paperback : 364 pages
  • ISBN-10 : 8170285747
  • ISBN-13 : 978-8170285748
  • Product Dimensions : 20 x 14 x 4 cm
  • Language: : Hindi
Author
Ashok kaushik
  • Language: Hindi
  • Binding: Paperback
  • Genre: Short Stories
  • ISBN: 9788170780113, 817078011X
  • Edition: 2017
  • Pages: 160
Weight
DimensionsN/AN/AN/AN/AN/AN/A
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