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मनुस्मृति Manusmruti

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पुस्तक का नाम – विशुद्ध मनुस्मृति

लेखक का नाम – पं. गंगाप्रसाद उपाध्याय जी

हमारे धर्म में धार्मिक आचार व्यवहार के लिए श्रुति और स्मृति प्रसिद्ध है। श्रुति वेद को कहते हैं तथा जो वेद से पृथक् ऋषियों के ग्रन्थ हैं, वे स्मृतियाँ कहे जातें हैं। स्मृतियों में भी मनुस्मृति सबसे प्रधान मानी गई है। मनुस्मृति में भी जो वचन वेदों के प्रतिकूल प्राप्त होते है वे प्रक्षिप्त होने से त्याज्य है। स्मृति ग्रंथ वेदों का ही अनुसरण करते है – “श्रुतेरिवार्थं स्मृतिरन्वगच्छत्” अर्थात् स्मृति वेदों का अनुसरण करती है। अतः स्मृतियों में दी गई आचार सामग्रियों का पालन करना अत्यन्त आवश्यक है। वेद भी कहता है – “मा नः पथः पित्र्यान् मानवादधिदूरे नैष्ट परावतः” अर्थात् हम अपने पूर्वजों के बुद्धि पूर्वक मार्ग से विचलित न हों। मनुष्यों के कर्तव्य-अकर्तव्य और वर्णाश्रम धर्मों का विधान मनुस्मृति में किया गया है किन्तु इस ग्रन्थ में दुष्टों द्वारा कालान्तर में अनेकों क्षेपक किये गये। इन प्रक्षिप्त श्लोकों की ओर अनेकों विद्वानों ने ध्यान दिया और इन्हें दूर करने का प्रयास किया। उन्हीं विद्वानों में से एक गंगाप्रसाद जी उपाध्याय जी है। प्रस्तुत संस्करण गंगाप्रसाद जी उपाध्याय द्वारा रचित विशुद्ध मनुस्मृति है। इस मनुस्मृति में गंगाप्रसाद जी ने प्रक्षिप्त श्लोकों की पहचान करके उन्हें पृथक करके यह एक विशुद्ध संस्करण निकाला है। यह संस्करण मूल संस्कृत के साथ हिन्दी भाषानुवाद में भी है। इस संस्करण की निम्न विशेषताएँ हैं – 1) आरम्भ में प्रत्येक संस्कृत शब्द को कोष्ठक में देकर उसका हिन्दी अनुवाद दिया है और फिर समस्त श्लोक का भावार्थ दिया है। 2) जहां अन्वय सीधा है वहां भावार्थ नहीं दिया गया है। 3) जहां शब्द क्लिष्ठ नहीं हैं वहां भावार्थ ही दिया गया है। यदि इस बीच में किसी शब्द को समझने में अडचन हो तो उस शब्द को कोष्ठक में दिया गया है या अलग से टिप्पणी में दिया गया है। 4) उन शब्दों को कोष्ठक में दिया गया है जिनकें दो अर्थ हो सकते हैं अथवा जिनके अर्थ समझने में कठिनाई होती हो। 5) पुस्तक में ही विस्तृत भूमिका द्वारा समझाया गया है कि इसमें कैसे – कैसे क्षेपक हुए हैं और किस प्रकार उन्हें दूर किया गया है। 6) इस संस्करण में केवल मौलिक श्लोकों को ही स्थान दिया गया है। आशा है कि पाठक इसका लाभ उठायेंगे।

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Description
  • By :Pandit Gangaprasad Upadhyay
  • Subject :Manusmruti, smruti, gangaprasad
  • Category :Smriti
  • Edition :N/A
  • Publishing Year :N/A
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  • ISBN# :N/A
  • Packing :N/A
  • Pages :N/A
  • Binding :N/A
  • Dimentions :9.00 X 6.00 INCH
  • Weight :830 GRMS

Product details

  • Paperback : 128 pages
  • ISBN-10 : 8176042226
  • ISBN-13 : 978-8176042222
  • Product Dimensions : 15.24 x 1.02 x 22.86 cm
  • Language: : Hindi
  • ASIN : B08GM3VQ67

Product details

  • Item Weight : 200 g
  • Paperback : 156 pages
  • ISBN-10 : 1646619161
  • ISBN-13 : 978-1646619160
  • Product Dimensions : 22.86 x 15.24 x 1 cm
  • Language: : English
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