चिन्तन प्रवाह(Chintan Pravah)

Description
चिंतन अवधारणाओं, संकल्पनाओं, निर्णयों तथा सिद्धांतो आदि में वस्तुगत जगत को परावर्तित करने वाली संक्रिया है जो विभिन्न समस्याओं के समाधान से जुड़ी हुई है। चिंतन विशेष रूप से संगठित भूतद्रव्य-मस्तिष्क- की उच्चतम उपज है। चिंतन का संबंध केवल जैविक विकासक्रम से ही नहीं अपितु सामाजिक विकास से भी है। चिंतन का उद्भव लोगों के उत्पादन कार्यकलाप की प्रक्रिया के दौरान होता है और वह यथार्थ का व्यवहृत परावर्तन सुनिश्चित करता है। अपने विशिष्ट मूल, क्रियाकलाप के ढंग और परिणामों की दृष्टि से उसका स्वरूप सामाजिक होता है। इसकी पुष्टि इस बात में है कि चिंतन श्रम तथा वाणी के कार्यकलाप से, जो केवल मानव समाज की अभिलाक्षणकताएं हैं, अविच्छेद्य रूप में जुड़ा हुआ है। इसी कारण मनुष्य का चिंतन वाणी के साथ घनिष्ठ रखते हुए मूर्त रूप ग्रहण करता है और उसका परिणाम भाषा के रूप में व्यक्त होता है।
Shipping cost is based on weight. Just add products to your cart and use the Shipping Calculator to see the shipping price.
We want you to be 100% satisfied with your purchase. Items can be returned or exchanged within 30 days of delivery.
There are no question found.
Quick Comparison
Settings | चिन्तन प्रवाह(Chintan Pravah) remove | Aryapathhik Lekhram by स्वामी श्रीधनन्द remove | Arya Samaj (The Noble Society) by जे एम मेहता remove | Rigvedadi Bhashya Bhumika (ऋग्वेददि-भाष्य-भूमिका) remove | Bhartiya Itihaas Ki Bhayankar Bhulen(भारतीय इतिहास की भयंकर भूले) remove | Upnishad Prakash(उपनिषद प्रकाश) by स्वामी दयानंद सरस्वती remove |
---|---|---|---|---|---|---|
Image | ![]() | ![]() | ![]() | ![]() | ![]() | ![]() |
SKU | ||||||
Rating | ||||||
Price | ₹500.00 | ₹125.00 | ₹100.00 | ₹400.00 | ₹110.00 | ₹300.00 |
Stock | ||||||
Description |
| |||||
Weight | ||||||
Dimensions | N/A | N/A | N/A | N/A | N/A | N/A |
Additional information | ||||||
Add to cart |
Rating & Review
There are no reviews yet.